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भारत के प्रधानमंत्री की सऊदी अरब साम्राज्य की यात्रा पर संयुक्त वक्तव्य

अक्तूबर 29, 2019

दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद,के निमंत्रण पर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री महामहिम श्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्तूबर 2019 को सऊदी अरब साम्राज्य की राजकीय यात्रा की।

दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमे उन्होंने दोनों मित्र देशों और उनके लोगों के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों की समीक्षा की। उन्होंने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने दो मित्र देशों के बीच, दोनों देशों के लोगों के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और सभ्यता के संबंधों में शामिल मित्रता और भागीदारी के संबंधों के विकास के लिए एक मजबूत गति प्रदान करने वाले साझा अवसरों को रेखांकित किया। ।

दोनों पक्षों ने मार्च, 2010 के 'रियाद घोषणा' में परिकल्पित सामरिक भागीदारी को सुदृढ़ करने के लिए अपनी गहरी प्रतिबद्धता की पुन पुष्टि की, जिसे दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद की फरवरी 2014 में भारत यात्रा,

भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब की अप्रैल, 2016 की यात्रा और महामहिम युवराज, उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की फरवरी 2019 में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान दोहराया गया।

दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी परिषद की स्थापना और सऊदी पक्ष के उनके शाही महामहिम युवराज, उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री और भारतीय पक्ष के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इसके संस्थापक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने पर और यात्रा के दौरान दोनों देशों के सरकारी और निजी संस्थाओं के बीच हुए समझौता ज्ञापनों और समझौतों के आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने हाल के वर्षों में राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा, रक्षा, जनशक्ति और लोगों के आदान-प्रदान में द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की सराहना की है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को बल मिले हैं। उन्होंने विश्व में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रति अपने उत्तरदायित्व के ढांचे में आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय परामर्श और समन्वय पर संतोष व्यक्त किया।

महामहिम शाही राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद, युवराज, उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने भारत गणराज्य के माननीय प्रधानमंत्री से भेंट की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय विचार-विमर्श किया, जिसके दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग के बढ़ते संबंधों की सराहना की। दोनों नेताओं ने भारत गणराज्य के माननीय प्रधानमंत्री की अप्रैल 2016 में रियाद यात्रा और उनके महामहिम शाही राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद, उप प्रधानमंत्री और भारत के रक्षा मंत्री की फरवरी 2019 में यात्रा के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति की प्रशंसा की जिससे रणनीतिक भागीदारी गहन हुई और दोनों मित्र देशों और लोगों की भलाई के लिए विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग सुदृढ़ हुआ।

दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की और देशों के आंतरिक मामलों में सभी प्रकार के हस्तक्षेप को स्पष्ट रूप से अस्वीकार किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को राष्ट्रों की संप्रभुता पर किसी भी हमले को रोकने की दिशा में उनके उत्तरदायित्व को पूरा करने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने सीरिया की स्थिति के संबंध में सुरक्षा परिषद के संकल्प (2254) पर बल दिया और यमन की एकता को बनाए रखने और इसकी सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने, जीसीसी पहल के आधार पर येमेनी संकट के राजनैतिक समाधान की महत्ता, येमेनी राष्ट्रीय वार्ता और सुरक्षा परिषद संकल्प (2216) के परिणाम पर बल दिया। दोनों पक्षों ने अरब शांति पहल और संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों के आधार पर फिलिस्तीन में शांति और एक न्यायोचित, व्यापक और स्थायित्व प्राप्त करने, फिलीस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों की गारंटी करने और 1967 की सीमाओं पर येरुसलम सहित अपनी राजधानी के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना पर आशा व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि उग्रवाद और आतंकवाद से सभी देश और समाज के लिए खतरा है। उन्होंने इस सार्वभौमिक घटना को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार कर दिया।

दोनों पक्षों के बीच हिंद महासागर क्षेत्र और खाड़ी क्षेत्र में जलमार्गों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर सहमति हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा।

दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि उग्रवाद और आतंकवाद से सभी देश और समाज के लिए खतरा है। उन्होंने इस सार्वभौमिक घटना को किसी विशेष जाति, धर्म या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार किया। दोनों पक्षों ने सभी आतंकवादी कृत्यों को नामंजूर करने पर बल दिया और अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए मिसाइलों और ड्रोनों सहित हथियारों तक पहुंच को रोकने की आवश्यकता पर बल दिया।

भारतीय पक्ष ने साम्राज्य के नागरिक प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी कृत्यों की निंदा की। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी केन्द्र में घनिष्ठ सहयोग का आह्वान किया और आतंकवादी कार्रवाइयों से निपटने में सहयोग को मजबूत करने, सूचना के आदान-प्रदान करने, क्षमता निर्माण करने और मौजूदा द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के ढांचे के भीतर, अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने में सहयोग को सुदृढ़ करने पर भी सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने दोनों देशों में जारी सकारात्मक आर्थिक परिवर्तन का उल्लेख किया और सामरिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार और निवेश संबंधों के विस्तार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में सकारात्मक प्रवृत्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की और सऊदी अरब साम्राज्य के विजन 2030 के अंतर्गत दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग को और गहरा करने की पुन पुष्टि की। दोनों देशों ने व्यापार समुदायों से दोनों देशों में निवेश के अवसरों, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा सहित ऊर्जा, कृषि, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और कुशल मानव के क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार के क्षेत्र में संसाधन का उपयोग करने का आग्रह किया।

इस यात्रा के दौरान ऊर्जा, नागर विमानन, सुरक्षा सहयोग, रक्षा, रूपे कार्ड के शुभारम्भ और चिकित्सा उत्पादों के विनियमन सहित सभी क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए अनेक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।

यात्रा के अंत में, भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने उनके और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल के भव्य आतिथ्य के लिए सऊदी अरब सरकार और सऊदी अरब के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

उन्होंने वर्ष 2020 में जी-20 की आगामी अध्यक्षता के लिए भारत समर्थन की पुष्टि की और कहा कि वह रियाद में आयोजित होने वाले जी-20 देशों के नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने G20 के ढांचे के भीतर साम्राज्य द्वारा किए गए महान कार्यों की सराहना की।

दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य और खुशहाली और मैत्रीपूर्ण भारतीय लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।

दो पवित्र मस्जिदों के संरक्षक ने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें भारत आने और दो मित्र देशों और उनके लोगों के हित के लिए परस्पर हित के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और विचार-विमर्श पूरा करने के निमंत्रण का स्वागत किया।

रियाद,
29 अक्तूबर 2019

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