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'कोविड 19 पश्चातयुग में बिम्सटेक में पुन: आर्थिक सहयोग पर'आरआईएस वेबिनार के दौरान विदेश राज्य मंत्री की टिप्पणियां

जून 30, 2020

महामहिम श्री शाहिदुल इस्लाम, महासचिव, बिम्सटेक
राजदूत डॉ. मोहन कुमार, अध्यक्ष, आरआईएस
प्रो सचिन चतुर्वेदी, महानिदेशक, आरआईएस
डॉ. अनुपम रे, संयुक्त सचिव (पीपी एंड आर)
बिम्सटेकदेशों के थिंक-टैंक के विशिष्ट अतिथिगण
देवियों एवं सज्जनों

नमस्कार और आप सभी को शुभ संध्या!

कोविड-19 युग के बाद बिम्सटेक में फिर से आर्थिक सहयोग पर बात करते हुए आज मुझे अत्यंत ख़ुशी हो रही है।

2. हम बहुत मुश्किल समय में मिल रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि दुनिया जिस तरह से और जिस पैमाने पर बाधित हो गई है उसका यहां हममें से किसी ने भी कभी अनुभव नहीं किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए सबसे बड़ा झटका है।

3. वायरस का विनाशकारी प्रभाव अभी भी जारी है। हम इस पर किसी भी तरह से काबू नहीं पा सके हैं। हम सभी इस बात से सहमत हैं कि इसके निहितार्थगंभीर होने जा रहे हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बहुत थोड़ा ही है जो अब पहले जैसा रह जाएगा।

4. ज्ञात शैक्षणिक एवं बौद्धिक क्षेत्रों में तथा प्रतिष्ठित संस्थानों एवं थिंक टैंकों में एक आम सहमति है कि हम गंभीर आर्थिक प्रतिकूलता का सामना करेंगे। माना जा रहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी सिकुड़ जाएगी। ऐसा प्रतीत होता है कि हम लगभग एक सदी पहले की महामंदी के बाद से सबसे बड़ी आर्थिक मंदी में हैं। यह निश्चित रूप से सबसे बड़ा आर्थिक संकट होगा जिसका हमने अपने जीवन काल में सामना किया है।

5. यह मंदी अर्थव्यवस्था के सभी स्वरूपों को प्रभावित करेगी। हाइड्रोकार्बन और वस्तु आधारित अर्थव्यवस्थाएं भी उतनी ही बुरी तरह प्रभावित होंगीजितनी कि विनिर्माण, सेवाओं, कृषि, खनन और पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्थाएं। वैश्विक गरीबी और बेरोजगारी का स्तर बढ़ेगा। प्रेषित धन पर प्रभाव पड़ेगा।

6. बिम्सटेक में हम सभी महामारी या इसके परिणामों से कम या अधिक मात्रा में प्रभावित होंगे।

7. आरआईएस आर्थिक सोच में योगदान के ठोस रिकॉर्ड के साथ हमारे सबसे पुराने और सबसे सम्मानित थिंक टैंक में से एक है। इस परिस्थिति को देखते हुए बिम्सटेक के संदर्भ में कोविड परिदृश्यों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही यह सेमिनार विशेष रूप से प्रासंगिक और उपयोगी है।

8. मैं एक साल पहले 22वें बिम्सटेक दिवस पर हमारे प्रधानमंत्री के संदेश को यहाँ उद्धृत करना चाहता हूँ। उन्होंने कहा था, "हम अपनी एक-दूसरे से जुडी संस्कृतियों और इतिहासों के साथ बंधे हुए हैं और हाल के वर्षों में शांतिपूर्ण और समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण के अपने साझा उद्देश्य के साथ और करीब आए हैं। हम अपने लोगों, विशेष तौर पर युवाओं तक बेहतर अवसरों और आर्थिक संपत्ति पहुंचाने के अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमें अपने इस प्रयास में हमारे जीवंत और सर्वथा गहन क्षेत्रीय सहयोग से ताकत मिली है।"

9. मैं इस महीने की शुरुआत में बिम्सटेक की 23वीं वर्षगांठ के हमारे उत्सव पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा, जिसने सामूहिक प्रयासों के माध्यम से हमारी साझा ताकत के आधार पर बंगाल की खाड़ी को शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को और संपुष्ट किया है।

10. हम बिम्सटेक के भीतर रहते हुए और एक बड़े अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के रूप में इस संकट से कैसे निपटते हैं? शुरू करें तो, किन्ही गैर-आर्थिक कारणों से इस तरह के परिमाण वाली यह पहली आर्थिक मंदी है। इसलिए महामारी के कालक्रम का मंदी और बाद की घटनाओं की गंभीरता पर प्रभाव पड़ेगा।

11. मंदी को आमतौर पर विस्तारवादी बजट और ब्याज दर में कटौती के साथ वित्तीय प्रोत्साहनों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। हम सभी जानते हैं कि अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं ने विस्तारवादी नीतियों को अपनाया है। सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका, यूरोजोन, चीन, जापान और भारत ने उचित राजकोषीय प्रोत्साहनों की शुरुआत की है।

12. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पहले से ही निराशा में बदलती जा रही मंदी से बचाने के लिए आर्थिक गतिविधि के पुनरारम्भ की गति बेहद महत्वपूर्ण है।

13. इतिहास बताता है कि सभी संकट के बाद उन्नति आती है। महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सतत आर्थिक विस्तार का युग आया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सभी चार प्रमुख मंदियों के बाद आर्थिक प्रतिक्षेप देखा गया। यह निस्संदेह तब भी होगा जब वर्तमान संकट अपने आप ही खत्म हो जाएगा।

14. हमारे जैसे लोगों की एक सभा के लिए यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोग दूसरों की तुलना में बेहतर सुधार कर पाएंगे। व्यवसाय और पूरी अर्थव्यवस्थाएं विफल हो सकती हैं- और कुछ बढ़ भी सकती हैं।

15. इसलिए हमारे सामने चुनौती इस बात को सुनिश्चित करना है कि जब यह चरम पर हो तो हम सुधार की सही दिशा में रहें। हमारे सामने चुनौती यह देखना भी है कि सुधार में कोई पीछे न छूट जाए।

16. मैं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के सिद्धांत में अपने विश्वास को दोहराने और सामूहिक प्रयासों में अपने विश्वास की पुन: पुष्टि करने के लिए इस अवसर को लेना चाहूंगा।

17. इसका मतलब यह नहीं है कि कुछ भी नहीं बदलता है। वैश्वीकरण और इसकी सामग्री दोनों बदल सकते हैं।

18. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमें मानवता के वैश्वीकरण को देखना चाहिए- न कि केवल वाणिज्य और उद्योग के अति वैश्वीकरण को।

19. हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हम नैतिक शून्यता में नहीं रहते हैं। हम सभी प्राचीन सभ्यता से संबंध रखते हैं। हम ऐसे लोग हैं जो अच्छे और बुरे दौर से गुजर चुके हैं। हमने सहन किया है। इन सबसे गुजरते हुए, हम कुछ मान्यताओं पर सच बने हुए हैं।भारत की आकांक्षाएं केवल भौतिक नहीं हैं। हम एक ऐसे राष्ट्र हैं जो "वसुधैवकुटुम्बकम"- दुनिया एक है, में विश्वास करता है। हम "निष्काम कर्म" के सिद्धांत में भी विश्वास करते हैं।

20. इस संकट के दौरानभारत की भूमिका "दुनिया की फार्मेसी" के रूप में सामने आई है। हमारे पास एक विश्वस्तरीय दवा उद्योग है जो सभी भौगोलिक क्षेत्रों और बाजारों में ब्रांड पहचान के साथ महत्वपूर्ण दवाओं के लिए पसंद का निर्माता है। इस महामारी ने भारत में उत्पादित हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) और पेरासिटामोल जैसी दवाओं की मांग में विस्फोट कर दिया।

21. सरकारी और निजी क्षेत्र की कई फार्मा कंपनियों की शाखाओं से समन्वित प्रतिक्रिया के द्वारा भारत दुनिया भर के दोस्तों और उपभोक्ताओं को इन दवाओं की बड़ी मात्रा में आपूर्ति करने में सक्षम था। यह पूरे क्षेत्र में अपनी चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता तथा क्षमता भी उपलब्ध करा रहा है।

22. लॉकडाउन ने इस मानवीय राहत अभियान के रसद को बेहद जटिल बना दिया। डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ऑपरेशन संजीवनी और ऑपरेशन सागर जैसी नवीन साधनों से मिश्रित पहल का उपयोग किया जा रहा है। हम दुनिया भर में 100 से अधिक देशों में मानवीय और चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने पर काम कर रहे हैं- जिसमें कई ऐसे भी हैं जो पहले से ही गंभीर मानवीय संकटों का सामना कर रहे हैं।

23. हम अपने इतिहास में किए गए सबसे बड़े निष्क्रमण अभ्यास के बीच में हैं।

24. हमने वैश्विक महामारी को अपनी कूटनीतिक व्यस्तताओं के मार्ग में आने नहीं दिया है। प्रधानमंत्री ने जी20, एनएएम और दक्षिण एशियाई बैठकों में वीडियो के माध्यम से भाग लिया है। विदेश मंत्री अपने दर्जनों समकक्षों के साथ सम्बद्ध रहे हैं।

25. ये केवल स्वतंत्र और अलग-थलग तथ्य भर ही नहीं हैं। ये एक कथा बुनते हैं। ये हमारी केंद्रीय मान्यताओं और हमारी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। महामारी के बीच में भारत ने स्वास्थ्य सुरक्षा के शुद्ध प्रदाता के रूप में काम किया। हमने इन बहुत ही कठिन परिस्थितियों में, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य बनने और एक दूरदर्शी दृष्टिकोण रखने का फैसला किया, जो हमें महामारी के बाद की दुनिया में अच्छी स्थिति में खड़ा करेगा। हम मानवता को वैश्विक समृद्धि और सहयोग तथा एक जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय नागरिकता के केंद्र में रखते हैं।

26. ये सिद्धांत बिम्सटेक में हमारे संबंधों पर लागू होते हैं और हमारे भविष्य के कामों में हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। समूह में सबसे बड़े देश और अर्थव्यवस्था के तौर पर, भारत वर्षों से विभिन्न पहलों पर बिम्सटेक के देशों के साथ भागीदारी करने का इच्छुक रहा है। हाल के वर्षों में, हमने अपने देशों को एक साथ लाने के लिए विभिन्न बहुपक्षीय परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।

27. काठमांडू में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में, भारत के प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में बिम्सटेक सहयोग और क्षमता निर्माण को और मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा की कई पहलों की घोषणा की। इनमें से, बिम्सटेक सैन्य अभ्यास, इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2018 में बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय कॉन्क्लेव, दूसरा बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास, जलवायु स्मार्ट कृषि प्रणाली पर बिम्सटेक सेमिनार तथा सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विसेज में बिम्सटेक राजनयिकों का प्रशिक्षण पहले ही लागू किया जा चुका है। मुझे 13 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में ड्रग तस्करी से मुकाबले पर पहले बिम्सटेक सम्मेलन को संबोधित करने का सौभाग्य मिला था।

28. भारत ने बिम्सटेक तथा अन्य क्षेत्रीय एवं उप-क्षेत्रीय विन्यासों में अपने भागीदारों की सहायता से इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के कार्य की अगुआई की है। इसके लिए परियोजनाओं के अनुदान निष्पादन सहितक्रेडिट लाइनों एवं अन्य उपकरणों का उपयोग किया गया है। इस तरह की कनेक्टिविटी परियोजनाओं के कुछ उदाहरणों में कलादान परिवहन परियोजना, त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना, एक पूर्व-पश्चिम गलियारा जो हमारे पूर्वोत्तर को म्यांमार और थाईलैंड के साथ जोड़ता है, म्यांमार में री-टिडिम सड़क, भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण तथा बांग्लादेश मेंअंतर्देशीय जलमार्गों का निकर्षण, नेपाल के साथ बिराटनगर एकीकृत चेकपोस्ट, श्रीलंका में रेलवे ट्रैक का पुनर्निर्माण, नेपाल में सड़क परियोजनाएं और बिजली ट्रांसमिशन लाइनें इत्यादि शामिल हैं। हम आश्वस्त हैं कि इन परियोजनाओं ने इन देशों में लोगों के जीवन में एक दृश्य, गुणात्मक अंतर का निर्माण किया है।

29. पहले से चल रही परियोजनाओं में हाल के दिनों में तेजी आई है, और वे पूरा होने वाली हैं। हम लाभ एवं दक्षता के समान स्तर के साथ नई और आगामी परियोजनाओं के निष्पादनके लिए तत्पर हैं।

30. इन परियोजनाओं की सफलता तथा जीवन एवं स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के सुधार में उनका योगदान उस क्षमता का संकेत है जिसे हमारे देश सहयोग के ज़रियेप्राप्त कर सकते हैं।

31. विरोधाभास रूप से, महामारी के झटके नेहमारे सामने अवसरों को प्रस्तुत किया है। ऐसा ही एक अवसर संभाषण, सभाओं के कारण निर्माण स्थलों के विविधीकरण की आवश्यकता का है।

32. जैसा कि हम कह रहे हैं, व्यापार मार्ग और आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ व्यावसायिक योजनाओं को फिर से तैयार किया जा रहा है। चूँकि बहुराष्ट्रीय उद्यमआपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अपने विनिर्माण आधार में विविधता ला रहे हैं, ऐसे में बिम्सटेक देशों के पास एक अवसर है। कई आपूर्ति श्रृंखलाओं में वैकल्पिक उत्पादन स्थलों की मांग बढ़ रही है। भारत और अन्य बिम्सटेक देश आदर्श रूप से उद्योगों को आकर्षित करने और इन मूल्य श्रृंखलाओं में एक मुकाम हासिल करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। यदि हम इस मांग को भुनाने में सक्षम होते हैं, तो हम अपने देशों में विनिर्माण क्षेत्र में बहुत अधिक नौकरियां प्रदान कर सकेंगे। वे समय के साथ-साथ मूल्य श्रृंखला को और बढाने के लिए हमारा मार्ग भी प्रशस्त करेंगे।

33. भारत ने ईज ऑफ़ बिज़नेस सूचकांक में छलांग लगाई है और यह विदेशी निवेश का एक नियमित प्रवाह प्राप्त कर रहा है। कोविड-19 के बाद, हम वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में खुद को अधिक से अधिक एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

34. अपने क्षेत्र को, स्थानांतरित मूल्य श्रृंखलाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए, हमें वैश्विक व्यवसायों के लिए एक पर्याप्त नीति और कार्यशील वातावरण सुनिश्चित करना होगा। यदि हम आपस में समन्वय स्थापित करने में सक्षम हैं, तो उत्पादन की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में अपने-अपने निजी लाभ के लिए प्रत्येक देश के लिए बिम्सटेक आपूर्ति श्रृंखलाओं में संभावनाएं हैं।

35. हमें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने हेतु सरकारी-निजी क्षेत्र के सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए बिम्सटेक बिजनेस फोरम और बिम्सटेक आर्थिक मंच की गतिविधियों को पुनर्जीवित करना चाहिए, और बिम्सटेक वीजा सुविधा के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी रखने के लिए बिम्सटेक वीजा मामलों पर विशेषज्ञ समूह को काम करना चाहिए।

36. भारत के पास एक जीवंत स्टार्ट-अप संस्कृति है, जिसमें कई युवा कंपनियां मूल्यांकन में एकतरफा स्थिति को प्राप्त कर रही हैं। हमें बिम्सटेक के अपने मित्रों के साथ अपने अनुभव को साझा करने में खुशी हो रही है, हमारे लिए सामूहिक रूप से मूल्य श्रृंखला में ऊपर बढ़ना महत्वपूर्ण है।

37. हमें कानूनी ढांचा को भी स्थापित करना होगा जो उसके बुनियादी ढांचे के उपयोग को सक्षम करेगा। बिम्सटेक कोस्टल शिपिंग एग्रीमेंट और बिम्सटेक मोटर व्हीकल एग्रीमेंट का शीघ्र निष्पादन हमारी सीमाओं के पार माल के सहज परिवहनकी सुविधा प्रदान करेगा।

38. कनेक्टिविटी का मतलब आज केवल सड़क और रेलवे लाइन नहीं है, बल्कि डिजिटल कनेक्टिविटी भी है। हमें अपने लोगों को अधिक किफायती और उच्च गति वाले इंटरनेट और मोबाइल संचार प्रदान करने के लिए अपने डिजिटल नेटवर्क को और एकीकृत करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। हमें आईटी/आईटीईएस के क्षेत्र में भारत की पारंपरिक ताकत के आधार पर ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में खुशी होगी।

39. मुझे इस तरह के विशेषज्ञों के एक समूह को, बिजली ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी के महत्व और बिजली क्षेत्र में या महासागरों और व्यापक ब्लू अर्थव्यवस्था में सहयोग के साथ मिलकर काम करने के बारे में दोबारा बोलने की आवश्यकता नहीं है।

40. यद्यपि वर्तमान परिस्थितियों में यह अन्यथा प्रतीत हो सकता है, फिर भी पर्यटन क्षेत्र में समृद्ध संभावनाएं हैं। भारत ने 7 जुलाई 2017 को बिम्सटेक पर्यटन नेटवर्क की पहली बैठक की मेजबानी की थी जहां पर्यटन के लिए एक ब्रांड बिम्सटेक बनाने पर काम करने का निर्णय लिया गया था। अपने सभ्यतागत संबंधों को भुनाने के लिए, हमें क्षेत्र में बौद्ध पर्यटक सर्किट, मंदिर पर्यटक सर्किट, प्राचीन शहरों की लाइन, इको-पर्यटन और चिकित्सा पर्यटन के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मैं नेपाल में 2020 में बिम्सटेक पर्यटन कॉन्क्लेव की मेजबानी करने की नेपाल की पेशकश का स्वागत करता हूं, संयोग से यह विजिट नेपाल वर्ष 2020 भी है।

41. वर्तमान संकट बिम्सटेक में क्षेत्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर बिंदु है। हमारे देश कोरोनावायरस से सबसे पहले प्रभावितों में थे। इस प्रक्रिया में ऐसे कई सबक और अभ्यास उभरे हैं जिनसे हम सभी सीख ले सकते हैं। बिम्सटेक हमारे व्यक्तिगत अनुभवों और सफलताओं को साझा करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।

42. मैं आरआईएस को इस वेबिनार के आयोजन और बिम्सटेक के पॉलिसी थिंकटैंक नेटवर्क के सदस्यों को एक साथ लाने के लिए बधाई देता हूं। वेबिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागी हमारे देशों में सबसे उज्ज्वल मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे विश्वास है कि बातचीत के लिए यह मंच हमें एक साथ लाने के लिए और अधिक अवसर पैदा करेगा और वर्तमान में चल रहे वैश्विक परिवर्तनों से हमारे क्षेत्र को लाभान्वित करने में मदद करेगा।

43. हम सभी को एक साथ तैयार होना चाहिए, हम सभी को एक साथ काम करना चाहिए, और हम सभी एक साथ सफल होंगे।

धन्यवाद!
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