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रायसीना संवाद 2020 के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव

जनवरी 14, 2020

माननीय प्रधानमंत्री, गणमान्य नेता, महानुभाव, प्रतिनिधि, प्रतिभागी,

रायसीना संवाद 2020 के उद्घाटन सत्र के अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करना मेरे लिए अत्यंत खुशी की बात है।

पांच वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी, आपने हमें चुनौती दी थी। आपका यह विचार था कि बढ़ती हुई शक्ति के रूप में, भारत को न केवल अन्य देशों द्वारा आयोजित वैश्विक बातचीत में भाग लेना चाहिए। बल्कि आपका दृढ़ विश्वास था कि हम अपने स्वयं के मंच बनाएं, संभाषण और आख्यानों को व्यवस्थित करें। पांच वर्ष बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमने उन उपेक्षाओं को पूरा करने में बड़ा प्रयास किया है। आयोजकों की उनके प्रयास के लिए प्रशंसा करें, मैं आपको यह भी वादा करता हूं कि हम प्रत्येक जुड़ाव के साथ इसमें और अधिक सुधार करते रहेंगे।

रायसीना संवाद की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं:

i) ऐसे समय में जब दुनिया का ध्यान परिवर्तन, व्यवधान और पुनर्संतुलन पर केंद्रित है, यह विषयों और चर्चाओं के बहुत व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करता है। सबसे महत्वपूर्ण, यह वास्तव में समकालीन है;

ii) इसके प्रतिभागी समान रूप से विविध हैं। इसकी सीमा नीति निर्धारक और निष्पादक से लेकर विचारक तथा कार्यकर्ताओं तक फैली हुई। विविधता सभी मापदंड को संबोधित करती है, चाहे वह भौगोलिक, जनसांख्यिकी, विचारधारा, लिंग या रुचि हो;

iii) यह मंच प्रतिनिधियों और लोगों को एक साथ लाता है जो आमतौर पर एक ही समय में एक ही स्थान पर नहीं मिल पाते हैं। दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान जो इसको अनुमति देता है संभवतः समय के साथ कुछ और विस्तृत हो सकता है।

देवियो और सज्जनों, ये तीन विशेषताएं हैं, वो विशेषताएं हैं जिन्हें आज भारतीय विदेश नीति द्वारा हासिल किए जाने की अपेक्षा की जाती है: प्रमुख चुनौतियों पर ध्यान देना, कई पक्षों के साथ व्यापक जुड़ाव, और प्रबंधन, यदि लीवरेजिंग नहीं है तो वैश्विक विरोधाभास। बहुध्रुवीय दुनिया में हमारे हितों को आगे बढ़ाना और वैश्विक कल्याण में योगदान करना इसका उद्देश्य है।

इसलिए, अब तक की गई प्रगति को रेखांकित करते हुए में उन सभी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाया है। सबसे पहले, ज़ाहिर तौरपर, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, उनके साथ काम करना हमारे लिए खुशी की बात है, क्योंकि हमने 2020 संस्करण की परिकल्पना, योजना और क्रियान्वयन निर्धारित किया है। ओआरएफ के वो युवा जिन्होंने इतनी कड़ी मेहनत की है वे विशेष प्रशंसा के पात्र हैं। इस सूची में विदेश मंत्रालय की टीम का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए, जिन्होंने हमेशा की तरह इस अवसर पर सहयोग किया है। मैं वक्ताओं, प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों की भी सराहना करता हूं: आप सामूहिक रूप से इस संवाद को परिभाषित करते हैं और इसपर चर्चा करते हैं, जिसके लिए इसे प्रसिद्धि प्राप्त है। सात प्रतिष्ठित नेता, जिन्हें प्रधानमंत्री जी वास्तव में विचारक नेता कहते हैं, उनके साथ बैठक कर रहे हैं। वे रायसीना 2020 को स्थापित करने हेतु हमारी ओर से धन्यवाद के पात्र हैं। लेकिन सबसे बढ़कर, प्रधानमंत्री जी, आज आप हमारी प्रशंसा के पात्र हैं, जो न केवल इस संवाद की प्रेरणा हैं, बल्कि कई अन्य जिम्मेदारियों के बावजूद इसमें शामिल होने के लिए हम आपके आभारी हैं।

देवियों और सज्जनों, आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि हमने इस उद्घाटन सत्र के साथ एक शानदार तथा विचारपूर्ण शुरुआत की है।

मैं यहां आने के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं और आगे के दो दिनों में अच्छी चर्चा और संवाद की कामना करता हूं।

धन्यवाद।
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